किसी को मेरी
और .............
मुझे !!!!!!!!!!!!!!!
किसी और की तलाश रही
तनहा नही थी मैं .................
महफिल थी आस पास .............
मगर जिंदगी उदास रही !!!!!!!!!!!!
कुछ बूंदों की आस थी !!!!!!!!!!!!!!!!!!!
सुखी धरती की तरह ......
मगर जब बरसे बदरा !!!!!!!!!!!!!!!!!
तो अमृत की प्यास रही .......................
यूँ तो आँखों को पढ़ लेना ही .........
काफी था उस एहसास के लिए ........
लेकिन जब नजरे ही न मिल सकी .............
तो शब्दों की दरकार रही ................
दर भी उसी का था ................दस्तक भी उसी ने दी
मगर जब मैंने खोल दिए!!!!!!!!!!!!दरवाजे सारे
तो हमें पुकारती ..........................
ऐसी कोई आवाज़ न रही ........................................
जिंदगी में प्रेम था मगर
प्रेम में जिंदगी यूँ भी रही ..............!!!!!!!!!..............
15 comments:
कुछ बूंदों की आस थी सुखी धरती की तरहमगर जब बरसे बदरा तो अमृत की प्यास रही
Awesome...every ward is meaningful...actually I loved each n every line...
खूबसूरत लगी पहली नज़र में शेष थोड़े समय बाद दोबारा पढ़ के लिखता हूँ .
स्वागत है।
भावपूर्ण रचना।
punctuation marks की भरमार कविता की गरिमा भंग कर रही है। आगे जैसा आप समझें।
bahut sundar rachana hai aapki
shubhkamnaoo k sath swagat hai..
आह .. क्या बात है ..
पढ़ कर ऐसा लगा जैसे सुबह की
ताजा हवा में सांस ली हो .
कुछ ही लाइने बहा ले गयीं पूरी सोच को अपने एहसास में...........
बेहद खूबसूरत रचना
हार्दिक शुभ कामनाएं
कृपया वर्ड वैरिफिकेशन की उबाऊ प्रक्रिया हटा दें !
लगता है कि शुभेच्छा का भी प्रमाण माँगा जा रहा है।
इसकी वजह से प्रतिक्रिया देने में अनावश्यक परेशानी होती है !
तरीका :-
डेशबोर्ड > सेटिंग > कमेंट्स > शो वर्ड वैरिफिकेशन फार कमेंट्स > सेलेक्ट नो > सेव सेटिंग्स
आज की आवाज
Duaa kartee hoon, tanhaaee raunaq me tabdeel ho..aur phir aapke aas paas bhee naa phatke...sada raunaq saath ho...!
http://shamasansmaran.blogspot.com
http://kavitasbyshama.blogspot.com
http://aajtakyahantak-thelightbyalonelypath.blogspot.com
भावुक भावनाएं...
असर तो है...
chanchal komal man ki vyatha ko sunder shabad dene ke liye aap badhaayi ke paatr hain.....
चिर चिंतन से निकली है कविता बहुत सुंदर
बहुत खूब। कहते हैं कि-
खूशबू तेरे बदन की मेरे साथ साथ है।
कह दो जरा हवा से तन्हा नहीं हूँ मैं।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
wah!narayan narayan
अच्छा है अंदाज़े-बयाँ।
सुस्वागतम्।
सुन्दर। शुभकामनाएँ।
Bahut sundar rachana..really its awesome...
Regards..
DevSangeet
हिंदी भाषा को इन्टरनेट जगत मे लोकप्रिय करने के लिए आपका साधुवाद |
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