Wednesday, November 4, 2009
प्रेम के अहसास
मिल कर कभी
कभी बिना मिले ही
बिछड़ जाते है कुछ लोग
ठहर कर कभी
कभी बिना रुके ही
बीत जाते है कुछ पल
मगर अहसास नही मरते
मुलाकातों के साथ पैदा होते है
जज्बातों से जुड़ते है
और यादो के साथ जवान हो जाते है
प्रेम अक्सर अधुरा रह जाता है
अहसास हमेशा अमर हो जाते है
कभी बिना मिले ही
बिछड़ जाते है कुछ लोग
ठहर कर कभी
कभी बिना रुके ही
बीत जाते है कुछ पल
मगर अहसास नही मरते
मुलाकातों के साथ पैदा होते है
जज्बातों से जुड़ते है
और यादो के साथ जवान हो जाते है
प्रेम अक्सर अधुरा रह जाता है
अहसास हमेशा अमर हो जाते है
Friday, July 3, 2009
प्रेम में जिंदगी यूँ भी रही
किसी को मेरी
और .............
मुझे !!!!!!!!!!!!!!!
किसी और की तलाश रही
तनहा नही थी मैं .................
महफिल थी आस पास .............
मगर जिंदगी उदास रही !!!!!!!!!!!!
कुछ बूंदों की आस थी !!!!!!!!!!!!!!!!!!!
सुखी धरती की तरह ......
मगर जब बरसे बदरा !!!!!!!!!!!!!!!!!
तो अमृत की प्यास रही .......................
यूँ तो आँखों को पढ़ लेना ही .........
काफी था उस एहसास के लिए ........
लेकिन जब नजरे ही न मिल सकी .............
तो शब्दों की दरकार रही ................
दर भी उसी का था ................दस्तक भी उसी ने दी
मगर जब मैंने खोल दिए!!!!!!!!!!!!दरवाजे सारे
तो हमें पुकारती ..........................
ऐसी कोई आवाज़ न रही ........................................
जिंदगी में प्रेम था मगर
प्रेम में जिंदगी यूँ भी रही ..............!!!!!!!!!..............
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