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Wednesday, November 4, 2009

प्रेम के अहसास

मिल कर कभी
कभी बिना मिले ही
बिछड़ जाते है कुछ लोग
ठहर कर कभी
कभी बिना रुके ही
बीत जाते है कुछ पल
मगर अहसास नही मरते
मुलाकातों के साथ पैदा होते है
जज्बातों से जुड़ते है
और यादो के साथ जवान हो जाते है
प्रेम अक्सर अधुरा रह जाता है
अहसास हमेशा अमर हो जाते है

1 comment:

Harshvardhan said...

well done....u have written a nice poem............